सोमवार, 1 सितंबर 2008
khushi
ऐसा लगता है कि मैं हवाओं में हूं, आज इतनी खुशी मिली है....ब्लाग की दुनिया में आकर मेरी पहली अभिव्यक्ति यही है। हिन्दी फिल्म के एक गीत की यह लाइन मुझे हमेशा उत्साह और उमंग से भर देती है। अपनी बात सहज और सरल ढंग से बुद्धिजिवी वर्ग के सामने रखने की इच्छा रखता है। शुरू से अपनी भड़ास लोगों के सामने निकालने की आदत रही है। स्कूल-कालेज के दिनों में मंच पर भाषण देने से मेरी यह इच्छा पूरी हो जाती। पर अब इस पर थोड़ी लगाम लगी है। उम्मीद है ब्लाग की दुनिया के मेरे साथी मेरी बात पर ज़रा नज़रें इनायत करेंगे। एहसासों के कारवां कुछ अल्फाजो पे सिमेटने चला हूँ। हर दर्द, हर खुशी, हर खाब को कुछ हर्फ़ में बदलने चला हूँ। न जाने कौन सी हसरत है इस मुन्तजिर हैदर को। अनकहे अनगिनत अरमानो को अपनी कलम से लिखने चला हूँ.....
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