
बहुत सुहाना है यह शाम का मंजर।
एक दिन खत्म हो जाएगा ये ज़िन्दगी का सफर।।
दिल ये चाहे यूं ही लिखता रहे हर पल।
कभी न डगमगाए, ये कलम ऐ 'हैदर'।।
लिखावट के ज़ेरो-ज़बर में वो ताकत आए।
खुदा की सारी कायनात भी लुट जाए हम पर।।
जो भी पढ़े इन्हें, पढ़ता ही रहे हर पल।
ना उसे दिन का पता रहे, ना रहे शाम की ख़बर।।
दीन-ए-इलाही भी इनमें शामिल हों और हो सच्चे मायने।
मंजिलें भी इनसे हासिल हों और हो हासिल मंजिले डगर।।
हर आंख का तारा बनूं, हर आंख का प्यारा बनूं।
ना इसे बुरी जुबां मिले, ना लगे बुरी नज़र।।
बहुत सुहाना है यह शाम का मंजर।
एक दिन खत्म हो जाएगा ये ज़िन्दगी का सफर।।
- रज़ाक हैदर
अरे ! बहुत ही सुंदर भावः हैं .......
जवाब देंहटाएंबहुत खूब अच्छा लगा आपके साथ ये ज़िन्दगी का सफर
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है आने के लिए
आप
๑۩۞۩๑वन्दना
शब्दों की๑۩۞۩๑
सब कुछ हो गया और कुछ भी नही !! इस पर क्लिक कीजिए
मेरी शुभकामनाये आपकी भावनाओं को आपको और आपके परिवार को
आभार...अक्षय-मन
बहुत-बहुत बधाई। बहुत सुंदर कविता। इस काफिले में शामिल होने का शुक्रिया। उम्मीद है कि सक्रियता बनी रहेगी। समय निकालकर मेरे ब्लॉग पर भी पधारें।
जवाब देंहटाएंहिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.
जवाब देंहटाएंएक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है निरंतरता की चाहत है समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दे
जवाब देंहटाएंप्रदीप मानोरिया
09425132060
आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे..... हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंachha laga sab-kuchh, shubh kamnayen.
जवाब देंहटाएंलिखावट की जेरो -जबर मे वो ताकत आये
जवाब देंहटाएंसारी कायनात भी लुट जाये हम पर
बहुत खुब ...बहुत ही मुकम्मल लफ्ज चुने है...
हमारे ब्लाग पर भि दस्तक दिजिये कभि
oh its relly oswem.tumne to muje apna fan bana liya.relly great...........
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