अपने नए अंदाज में नया साल आया है.
कुछ पुराने गमों को छोड़कर नई खुशियां लाया है.
पुरानी दुश्मनी तोड़कर, नई दोस्ती जोड़कर.
पुराने लम्हे छोड़कर, नई नवेली दुनिया लाया है.
हर याद नई होगी, हर फरियाद नई होगी.
पुराने चेहरे खोजकर नई परियां लाया है.
जो पहले सफल नहीं रहे, वे अब कामयाब होंगे.
नई उम्मीद से बुनी हुई, नई पहेलियां लाया है.
दिल में जो भी राज हो, उनपे हमें नाज़ हो.
हैदर की काया से निकालकर नया दरिया लाया है.
शहर-शहर गली-गली एक नई गूंज होगी.
एक नए काम के आगाज़ का नया नजरिया लाया है.
अपने नए अंदाज में नया साला आया है.
कुछ पुराने गमों को छोड़कर, नई खुशियां लाया है.
- रज़ाक हैदर
अच्छा िलखा है आपने । भाव, िवचार, संवेदना और िशल्प के समन्वय ने रचना को प्रभावशाली बना िदया है । मैने अपने ब्लाग पर एक लेख िलखा है-आत्मिवश्वास के सहारे जीतें िजंदगी की जंग-समय हो तो पढें और कमेंट भी दें-
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